वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो) - फोटो : पीटीआई
देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज 'आत्मनिर्भर भारत' की घोषणा की। इसके तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब तक चार किस्तों में किसानों, पशुपालकों एमएसएमई सेक्टर, प्रवासी मजदूरों, स्ट्रीट वेंडर्स और अन्य तबके के लिए कई तरह की घोषणाएं कर चुकी हैं। 20 लाख करोड़ में से वित्त मंत्री अभी तक 18.66 लाख करोड़ रुपये की घोषणाएं कर चुकी हैं। रविवार को सुबह 11 बजे इसकी पांचवी और अंतिम किस्त देश के सामने होगी। आइए जानते हैं कि अभी तक की घोषणाओं में किस क्षेत्र को क्या राहत दी गई है...
चौथे दिन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने आठ क्षेत्रों में होने वाले ढांचागत सुधारों के बारे में चर्चा की। इन आठ क्षेत्रों में कोयला, मिनरल, रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, बिजली वितरण, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा शामिल हैं। इनमें से तीन क्षेत्रों कोयला, मिनरल और अंतरिक्ष को निजी क्षेत्र को भागीदारी के लिए खोल दिया। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बिजली वितरण में निजी कंपनियों को लाने की बात भी कही।
हालांकि, 20 लाख करोड़ के पैकेज में 7.35 करोड़ रुपये की योजनाओं का एलान प्रधानमंत्री की घोषणा से पहले किया जा चुका है। इस पैकेज में वह घोषणाएं भी शामिल की जा चुकी है। वित्त मंत्री ने इस पैकेज की किस्तें पेश करते हुए पहले दिन 5.94 करोड़ रुपये की योजनाएं पेश की थीं। दूसरे दिन 3.16 करोड़ रुपये की, तीसरे दिन 3.16 करोड़ रुपये की और चौथे दिन 58 हजार 100 करोड़ रुपये की योजनाओं का खाका पेश किया।
पहली किस्त में यह घोषणाएं
- आत्मनिर्भर भारत पैकेज की पहली किस्त पेश करते हुए वित्त मंत्री ने लैंड, लेबर, लिक्विडिटी सभी पर बल दिया। एमएसएमई को तीन लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा। एमएसएमई के लिए सरकार छह कदम उठाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि 31 अक्तूबर 2020 से एमएसएमई को लोन की सुविधा मिलेगी।
- बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ तक का लोन दिया जाएगा और 45 लाख एमएसएमई को इसके तहत फायदा होगा। इन्हें एक साल तक मूल धन नहीं चुकाना होगा। तनाव वाली एमएसएमई को 20,000 करोड़ का कर्ज दिया जाएगा।
- जिस MSME का टर्नओवर 100 करोड़ है वे 25 करोड़ तक लोन ले सकते हैं। जो लोन दिया जाएगा उसे चार सालों में चुकाना होगा। आकार बढ़ाने की चाहत रखने वाली एमएसएमई के लिए फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है, जिससे 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन होगी।
- जिस MSME का टर्नओवर 100 करोड़ है वे 25 करोड़ तक लोन ले सकते हैं। जो लोन दिया जाएगा उसे चार सालों में चुकाना होगा। आकार बढ़ाने की चाहत रखने वाली एमएसएमई के लिए फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है, जिससे 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन होगी।
- ज्यादा निवेश वाली कंपनियों को भी एमएसएमई के दायरे में ही रखा जाएगा। माइक्रो यूनिट में 25 हजार रुपये तक का निवेश माना जाता था। इसे बदलकर 1 करोड़ रुपये किया गया है। साथ ही अगर टर्नओवर 5 करोड़ तक का है, तब भी आप माइक्रो यूनिट के अंदर ही आएंगे।
- 15 हजार रुपये से कम सैलरी वालों को सरकारी सहायता मिलेगी। सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी। इसके लिए सरकार की ओर से 2,500 करोड़ की मदद दी जा रही है।
- पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन अगले तीन महीनों के लिए घटाया जा रहा है। यह कदम नियोक्ताओं के लिए उठाया गया है। पीएसयू को 12 फीसदी ही देना होगा। पीएसयू पीएफ का 12 फीसदी ही देंगे लेकिन कर्मचारियों को 10 फीसदी पीएफ देना होगा।
- एनबीएफसी को 45,000 करोड़ की पहले से चल रही योजना का विस्तार होगा। आंशिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार होगा। इसमें डबल ए या इससे भी कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा।
- एनबीएफसी के साथ हाउसिंग फाइनेंस और माइक्रो फाइनेंस को भी इसी 30 हजार करोड़ में जोड़ा गया है। इनकी पूरी गारंटी भारत सरकार देगी।
- डिस्कॉम यानी पावर जनरेटिंग कंपनियों को कैश फ्लो की दिक्कत हो रही है इसलिए उनके लिए 90 हजार करोड़ की सहायता तय की गई है।
- बिजली वितरण कंपनियों की आय में भारी कमी आई है। बिजली उत्पादन और वितरण करने वाली कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपये सरकारी कंपनियों पीएफसी, आरईसी के माध्यम से दिया जाएगा।
- निर्माण के काम के लिए छह महीने तक के लिए एक्सटेंशन दिया जा रहा है। निर्धारित समय में किए जाने वाले काम को तय तारीख से छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
- 25 मार्च 2020 के बाद जो भी रजिस्ट्रेशन और कंस्ट्रक्शन के लिए आगे बढ़े हैं, उन्हें छह महीने के लिए फायदा होगा। बिल्डरों को भी मकान पूरा करने के लिए अतिरिक्त वक्त दिया जाएगा।
- वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सभी इनकम टैक्स रिटर्न की ड्यू डेट को 31 जुलाई 2020 और 31 अक्तूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 किया गया है।
- टैक्स ऑडिट की डेट बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 से 31 अक्तूबर 2020 की गई है। इनकम टैक्स में ट्रस्ट, एलएलपी को सभी पेंडिंग फंड तत्काल रूप से दिए जाएंगे।
- अगले साल तक टीडीएस और टीसीएस के लिए 25 फीसदी छूट दी जा रही है जो कि अगले साल 31 मार्च 2021 तक जारी रहेगी। यह सभी पेमेंट पर लागू होगा चाहे वह कमीशन हो, ब्रोकरेज हो या कोई अन्य पेमेंट।
- विवाद से विश्वास स्कीम के तहत जिन कंपनियों के टैक्स विवाद बाकी हैं, वह 31 दिसंबर 2020 तक बिना किसी ब्याज के टैक्स दे सकते हैं।
दूसरी किस्त में यह घोषणाएं
- आर्थिक पैकेज की दूसरी किस्त की घोषणा गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी। दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, किसानों, रेहड़ी-पटरी वालों और छोटे व्यापारियों पर फोकस रहा। वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना अगस्त 2020 तक लागू होगी। इससे देश के किसी भी हिस्से में डिपो से राशन ले सकते हैं।
- तीन माह लोन मोरेटोरियम सुविधा के साथ तीन करोड़ किसानों ने कुल 4.22 लाख करोड़ रुपये के एग्रीकल्चर लोने के लिए आवेदन किया। किसानों को ब्याज पर सहायता दी गई है। साथ ही 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड को मंजूरी दी है।
- कृषि के क्षेत्र में मार्च और अप्रैल में 63 लाख कर्ज मंजूर किए गए, जो लगभग 86,600 करोड़ रुपये के हैं। कॉरपोरेटिव और क्षेत्रीय रूरल बैंक के लिए मार्च 2020 में नाबार्ड ने 29,500 करोड़ रुपये के रीफाइनेंस का प्रावधान किया है।
- राशन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार 3,500 करोड़ रुपये का प्रावधान कराने जा रही है। जो नेशनल फूड सेक्योरिटी में नहीं आते, या जिनको राज्यों का राशन कार्ड नहीं मिल पाता, उनके लिए यह प्रावधान किया गया है।
- प्रति व्यक्ति 5-5 किलो गेहूं या चावल मिलेंगे। साथ में प्रति फैमिली एक किलो चना अगले दो महीनों तक मिलेगा। इसको लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कम कीमत वाले किराए के घर आने वाले समय में मिलेंगे। सरकार मौजूदा बने हुए घरों को भी इसमें शामिल करेगी।
- इसके लिए सरकार उद्योगपतियों और राज्य सरकारों को प्रेरित करेगी, ताकि वो अपने राज्य में काम करने वाले मजदूरों के लिए रहने की व्यवस्था बनाएं।
- मुद्रा शिशु लोन के माध्यम से लगभग तीन करोड़ लोगों को लाभ मिलने वाला है, जो 1,500 करोड़ रुपये के करीब होगा। उनकी ब्याज दर में सरकार दो फीसदी की छूट दे रही है। इसका खर्चा मोदी सरकार उठाएगी। गरीब से गरीब लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
- रेहड़ी लगाने वाले, पटरी पर सामान बेचने वाले, घरों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए 5,000 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधा लाई गई।
- इन्हें 10,000 रुपये तक की लोन सुविधा मिल सकती है। इसको एक महीने के अंदर लॉन्च कर दिया जाएगा।
- डिजिटल पेमेंट करने वालों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा। उन्हें आने वाले समय में ज्यादा पैसा मिल सकता है। 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को इसका लाभ मिलेगा।
- हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए मिडल इनकम ग्रुप, जिनकी आया छह लाख से 18 लाख रुपये है, उनके लिए 70,000 करोड़ रुपये का बढ़ावा देने वाली एक योजना लेकर आए हैं।
- क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम (CLSS), जो 31 मार्च 2020 तक बढ़ाई गई थी, जिसका लाभ 3.3 लाख मध्यम वर्ग के परिवारों को मिला था, उस योजना की तिथि मार्च 2021 तक बढ़ा दी गई है।
- रोजगार के लिए 6,000 करोड़ रुपये के CAMPA फंड्स का उपयोग होगा। विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में, आदिवासी क्षेत्रों में, इन योजनाओं का लाभ उठाया जा सकेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि तीन करोड़ छोटे और सीमांत किसानों के लिए मोदी सरकार 30,000 करोड़ की अतिरिक्त सुविधा लेकर आई है।
- पीएम किसान योजना और अन्य योजनाओं के माध्यम से करोड़ों किसानों को लाभ मिलता है। अब दो लाख करोड़ रुपये की सुविधा, कंसेशनल क्रेडिट को बढ़ावा देते हुए ढाई करोड़ किसानों को इसका लाभ मिलेगा। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से इनको लाभ मिलेगा।
- इसके लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा और सस्ते में कर्ज मिलेगा। इसके तहत किसानों के अलावा मछुआरों और पशु पालकों को भी इसका लाभ मिलेगा और उनकी आय के साधन बढ़ेंगे।
तीसरी किस्त में यह घोषणाएं
- लॉकडाउन के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद के लिए 74,300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पीएम किसान फंड के तरह 18,700 करोड़ रुपये पिछले दो महीने में किसानों के खाते में डाले गए हैं।
- मत्स्य पालन के क्षेत्र में कोविड-19 की सभी चार घोषणाओं को लागू किया गया। दो महीने मे 242 नई श्रिंप हैचरी (मछली के अंडों की उत्पत्तिशाला) को अनुमति दी गई।
- कृषि आधारभूत ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये की योजना लाई जा रही है। इसके तहत कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे जिससे भंडारण क्षमता बढ़ेगी। इसका लाभ किसान संघों, उद्यमियों और स्टार्ट अप को मिलेगा।
- दो लाख सूक्ष्म इकाइयों को मदद पहुंचाने की योजना। तकनीक में सुधार और मार्केटिंग से लाभ पहुंचाया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ रुपये की योजना लाई जा रही है। इससे रोजगार और आय के साधन बढ़ेंगे। क्लस्टर के माध्यम से तकनीक व ब्रांडिंग बढ़ाने की योजना है।
- जिस तरह से बिहार में मखाना है, यूपी में आम है, कर्नाटक में रागी है, तेलंगाना में हल्दी है, कश्मीर में केसर है, नॉर्थ ईस्ट में बांस व हर्बल प्रोडक्ट है, लोकल से ग्लोबल नीति के तहत इन्हें बढ़ावा दिया जाएगा।
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मछुआरों के लिए 20 हजार करोड़ की योजना लाई जा रही है। 11 हजार करोड़ रुपये समुद्री, अंतर्देशीय मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर के लिए दिया जाएगा। 9 हजार इसके आधारभूत ढांचे के विकास के लिए किया जाएगा। योजना से 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
- 53 करोड़ मवेशियों के टीकाकरण की योजना। मवेशियों में बीमारियों से निपटने के लिए 13,343 करोड़ रुपये की योजना लाई गई है। इसके तहत 53 करोड़ गायों, भैंसों, सूअर, बकरी, भेड़ का 100 फीसदी टीकाकरण किया जाएगा। अभी तक 1.5 करोड़ गाय व भैंसों का टीकाकरण हुआ है।
- पशुपालन व डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 15 हजार करोड़ रुपये की मदद पहुंचाई जाएगी। इसके तहत मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जा सकेगी।
- हर्बल उत्पादन के लिए 4 हजार करोड़ रुपये की योजना। 10 लाख हेक्टेयर यानि 25 लाख एकड़ में इसकी खेती हो पाएगी। इससे 5000 करोड़ रुपये का लाभ किसानों को होगा। नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड ने 2.25 लाख हेक्टेयर जमीन इसके लिए दी है।
- टॉप टू टोटल योजना में 500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। सप्लाई चेन नहीं होने की वजह से किसान अपनी फसल को बाजार में बेच नहीं पाता।
- पहले ये योजना टमाटर, आलू, प्याज के लिए लागू थी। अब 6 महीने के लिए बाकी सब्जियों पर भी इस योजना को लागू किया जा रहा है।
- मालभाड़े पर 50 फीसदी सब्सिडी और स्टोरेज पर 50 फीसदी सब्सिडी मिलेगी।
- आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया जाएगा ताकि किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर दाम मिल सके। संशोधन के बाद खाद्य प्रसंस्करण में स्टॉक लिमिट नहीं होगा।
- इस बदलाव से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। तिलहन, दलहन, आलू जैसे उत्पादों को अनियमित किया जाएगा। राष्ट्रीय आपदा के दौरान ही स्टॉक नियम लागू किया जाएगा।
चौथी किस्त में यह घोषणाएं
- कोयला खनन के क्षेत्र में आएंगी निजी कंपनियां : वित्त मंत्री ने कहा कि अब कोल इंडिया लिमिटेड की खदानें निजी सेक्टर को भी दी जाएंगी। अब कोयला क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग होगी और सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। कोयला उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता कैसे बने और कैसे कम से कम आयात करना पड़े, इसपर काम होगा।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस फैसले से ज्यादा से ज्यादा खनन हो सकेगा और देश के उद्योगों को बल मिलेगा। 50 ऐसे नए ब्लॉक नीलामी के लिए उपलब्ध होंगे। पात्रता की बड़ी शर्तें नहीं रहेंगी। सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए फास्ट-ट्रैक इन्वेस्टमेंट प्लान बनाया है।
- मिनरल क्षेत्र में निजी निवेश को मिलेगा बढ़ावा : वित्त मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र में अन्वेषण सह खनन सह उत्पादन की नीति शुरू होगी। 500 खनिज ब्लॉक की नीलामी होगी माइनिंग प्लान को छोटा किया जाएगा ताकि ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में मदद मिल सके। एल्युमिनियम इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए बॉक्साइट और कोल मिनरल ब्लॉक की संयुक्त नीलामी होगी।
- खदानों को निजी हाथों में देने का काम नीलामी के जरिए होगा। इससे कैप्टिव और नॉन कैप्टिव खदानों के बीच अंतर समाप्त हो जाएगा। कैप्टिव खदानें वह होती हैं जहां कंपनियां कोयले का खनन अपने इस्तेमाल के लिए ही करती हैं और नॉन कैप्टिव खदानों का कोयला दूसरों को भी बेचा जा सकता है।
- रक्षा उत्पादों में 'मेक इन इंडिया' को प्रोत्साहन : रक्षा उत्पादन क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कई उपायों की घोषणा की। उन्होंने रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का एलान किया।
- वित्त मंत्री ने कहा कि कई हथियारों और मंचों के आयात पर प्रतिबंध रहेगा। आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त जारी करते हुए सीतारमण ने कहा कि आयात के लिए प्रतिबंधित उत्पादों की खरीद सिर्फ देश के भीतर की जा सकेगी।
- सीतारमण ने कहा कि अभी आयात हो रहे कुछ कलपुर्जों का घरेलू उत्पादन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे रक्षा आयात खर्च में कमी लाने में मदद मिलेगी। आयुध कारखाना बोर्ड को कंपनी बनाया जाएगा लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि उसका निजीकरण किया जाएगा।
- हवाई क्षेत्र का बेहतर इस्तेमाल, एयरपोर्ट का निजीकरण : इससे संबंधित तीन घोषणाएं वित्त मंत्री ने कीं। पहली यह कि हवाई क्षेत्र (एयर स्पेस) के इस्तेमाल से संबंधित पाबंदियां हटाई जाएंगी। दूसरा, छह एयरपोर्ट पीपीपी के आधार पर निजी क्षेत्र के लिए नीलाम किए जाएंगे। तीसरा एयरक्राफ्ट के मेनटेनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहालिंग की सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को मौके दिए जाएंगे।
- एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने छह में से तीन हवाई अड्डों को अनुबंध प्रदान किया है। सार्वजनिक निजी भागीदारी यानी पीपीपी के माध्यम से इसके लिए काम होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि पीपीपी मॉडल के तहत छह नए एयरपोर्ट्स की नीलामी होगी।
- बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सार्वजनिक निजी भागीदारी यानी पीपीपी से सार्वजनिक क्षेत्र में आवश्यक निवेशों को जुटाने के अलावा सेवा आपूर्ति, विशेषज्ञता, उद्यमिता और व्यावसायिक कौशल में दक्षता आती है।
- केंद्रशासित प्रदेशों में बिजली वितरण निजी हाथों में : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का निजीकरण किया जाएगा। हालांकि बिजली वितरण कंपनियों का निजीकरण काफी समय से बिजली मंत्रालय के विचाराधीन है। इससे पहले, मुंबई, दिल्ली और कुछ अन्य शहरों में डिस्कॉम का निजीकरण किया गया था।
- उन्होंने कहा कि देश में बिजली वितरण और आपूर्ति क्षेत्र का काम सामान्य स्तर के नीचे है। सीतारमण ने कहा कि डिस्कॉम के निजीकरण से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिलेगी और बिजली वितरण में परिचालन तथा वित्तीय दक्षता में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि यह देश भर में अन्य राज्यों के डिस्कॉम के लिये अनुकरण योग्य मॉडल का काम करेगा।
- सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी निजी क्षेत्र को मौके : वित्त मंत्री ने कहा कि सामाजिक बुनियादी ढांचे (सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर) में भी निजी निवेश को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा, क्योंकि कोरोना वायरस के समय में भी स्कूलों और अस्पतालों में सुधार की जरूरत महसूस हुई है। अगर धन कम पड़ रहा है तो 30 फीसदी राशि केंद्र या राज्य सरकार देगी। इस पर 8100 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- अंतरिक्ष के क्षेत्र में निजी कंपनियों को मिलेंगे अवसर : अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों को मौका मिलेगा। सैटेलाइट लांचिंग और अंतरिक्ष आधारित सेवाओं में निजी सेक्टर को शामिल किया जाएगा। निजी कंपनियों को इसरो की सुविधाओं का भी लाभ उठाने दिया जाएगा। ग्रहों की खोज, बाह्य अंतरिक्ष यात्रा निजी क्षेत्र के लिए खुलेगी। रिमोट सेंसिग डाटा के लिए उदार नीति लाएंगे।
- पीपीपी मॉडल के आधार पर बनेंगे रिसर्च रिएक्टर : आण्विक ऊर्जा से जुड़ी नीतियां बनेंगी। मेडिकल आइसोटोप उत्पादन के लिए रिसर्च रिएक्टर पीपीपी मॉडल के जरिए बनेंगे। कोविड 19 के जरिेए हमने पूरी दुनिया में मेडिकल सामान पहुंचाया, उसे और आगे बढ़ाएंगे। खाद्य संरक्षण के लिए विकिरण तकनीक पीपीपी के जरिए होगी। इससे किसानों को बहुत लाभ होगा।
- स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों और संस्थानों को इसका फायदा मिलेगा। कैंसर और अन्य बीमारियों का किफायती इलाज ढूंढने में इस रिसर्च रिएक्टर की सहायता मिलेगी।
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